Home ज्योतिष शुक्र प्रदोष करने से सौभाग्य की होती है प्राप्ति, जानें पूजा मुहूर्त,...

शुक्र प्रदोष करने से सौभाग्य की होती है प्राप्ति, जानें पूजा मुहूर्त, मंत्र और भोग

0

25 अप्रैल को शुक्र प्रदोष का व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। बता दें कि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। प्रदोष व्रत की पूजा त्रयोदशी तिथि में पड़ने वाली संध्या यानि प्रदोष काल में किया जाता है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है और त्रयोदशी तिथि में रात्रि के प्रथम प्रहर, यानि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं। कहते हैं आज के दिन जो व्यक्ति व्रत कर प्रदोष काल में भगवान शंकर की पूजा करता है और किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है, उसपर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।

शुक्र प्रदोष 2025 शुभ मुहूर्त

पंचाग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 25 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि का समापन 26 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर होगा। प्रदोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 59 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व

बता दें कि वार के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम कारण होता है। जैसे- अगर सोमवार को प्रदोष व्रत पड़े तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं। इस बार प्रदोष का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहेंगे। शुक्र प्रदोष का व्रत करने से व्रती को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ दांपत्य जीन सुखमय रहता है।

शुक्र प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को लगाएं इन चीजों का भोग

  1. मखाने की खीर
  2. दूध-दही
  3. सूजी का हलवा
  4. बेर और बेल
  5. भांग-धतूरा
  6. सूखे मेवे

शिव मंत्र

1. ॐ नमः शिवाय॥

2. ॐ नमो नीलकण्ठाय।

3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

4. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here