
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 1 जनवरी से नया साल शुरू होने वाला है, लेकिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह में होती है। इसी माह में चैत्र नवरात्र शुरू होते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा-अर्चना होती है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की साधना और व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्र की तिथि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त।
चैत्र नवरात्र 2026 डेट
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 19 मार्च को है। इसी दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी और समापन 27 मार्च को होगा। इसी दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।
चैत्र नवरात्र के दिन प्रथम दिन कलश स्थापन करने का विधान है। 19 मार्च को घटस्थापना (Chaitra Navratri 2026 Kalash Sthapana Time) करने का मुहूर्त इस प्रकार है-
घटस्थापना मुहूर्त – 06 बजकर 52 मिनट से 07 बजकर 46 मिनट
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट
- कलश
- गंगाजल
- आम या अशोक के पत्ते
- सुपारी, रोली
- जटा वाला नारियल
- अनाज
- मिट्टी का बर्तन
- लाल सूत्र, सिक्का
- इलायची, लौंग, कपूर
- लाल कपड़ा
- अक्षत, हल्दी
- लाल कपड़ा
- किसी पवित्र स्थान की मिट्टी (मंदिर आदि)
- अखंड ज्योति के लिए बड़ा दीया, रुई की बाती
किस दिन होगी किस देवी की पूजा
- 19 मार्च- मां शैलपुत्री
- 20 मार्च- ब्रह्मचारिणी
- 21 मार्च- मां चंद्रघंटा
- 22 मार्च- मां कूष्माण्डा
- 23 मार्च- मां स्कंदमाता
- 24- मां कात्यायनी
- 25 मार्च- मां कालरात्रि
- 26 मार्च- मां महागौरी पूजा
- 27 मार्च- मां सिद्धिदात्री
चैत्र नवरात्र में इन बातों का रखें ध्यान
- चैत्र नवरात्र में घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। साथ ही किसी से वाद-विवाद न करें।
- चैत्र नवरात्र में काले रंग के वस्त्र धारण न करें। अखंड ज्योत का विशेष ध्यान रखें।
- सात्विक भोजन का सेवन करें।
- सुबह और शाम मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करें और विशेष चीजों का भोग लगाएं।



