
हाई ब्लड प्रेशर ऐसी स्थिति है, जब हमारी नसों में खून का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है. ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए, लेकिन जब यह 140/90 mmHg या उससे ज्यादा हो जाए तो इसे हाई बीपी माना जाता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे अनहेल्दी खानपान, अधिक नमक का सेवन, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, तनाव, नींद की कमी और फिजिकल एक्टिविटी की कमी. यह धीरे-धीरे एक साइलेंट किलर की तरह काम करता है क्योंकि शुरुआती समय में इसके लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ बन सकता है.
हाई बीपी होने से किन बीमारियों का खतरा रहता है:- हाई ब्लड प्रेशर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. सबसे ज्यादा असर हार्ट पर पड़ता है. इससे हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. हाई बीपी के चलते दिमाग की नसें फट सकती हैं, जिससे ब्रेन स्ट्रोक या लकवे जैसी स्थिति हो सकती है. इसी तरह, किडनी पर भी इसका गहरा असर पड़ता है, क्योंकि लगातार बढ़ा दबाव किडनी की नसों को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे किडनी फेलियर का कारण बन सकता है.
हाई बीपी आंखों की रेटिना की नसों को नुकसान पहुंचाकर अंधेपन तक का खतरा पैदा कर सकता है. इतना ही नहीं, यह नसों को संकुचित करके एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी बीमारी का कारण भी बनता है. प्रेग्नेंट महिलाओं में हाई बीपी से प्री-एक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ जाता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. यही वजह है कि हाई बीपी को हल्के में लेना बेहद खतरनाक है.
कैसे करें बचाव?
नमक का सेवन कम करें और हेल्दी डाइट लें.
रोजाना एक्सरसाइज करें और वजन कंट्रोल रखें.
तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान या रिलैक्सेशन अपनाएं.
धूम्रपान और शराब का सेवन न करें.
पर्याप्त नींद लें. और सोने-जागने का समय नियमित रखें.
समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहें.



