
नई दिल्ली : पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) इमिग्रेशन ने कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कार्रवाई करते हुए मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि महिलाओं और अन्य यात्रियों को विदेश में नौकरी और बेहतर भविष्य का झांसा देकर तस्करी की जा रही थी।
एफआईए अधिकारियों ने दुबई के विजिट वीजा पर यात्रा कर रही एक महिला को संदेह के आधार पर रोका। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसे दुबई में होटल में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। हालांकि, आगे की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह एक संगठित मानव तस्करी गिरोह का हिस्सा था, जो युवतियों को विदेश भेजकर उन्हें देह व्यापार में धकेल देता था।
जांच में क्या निकलकर आया?
महिला की निशानदेही पर एफआईए ने एक संदिग्ध तस्कर शाहजैब को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि शाहजैब ने ही महिला के लिए वीजा और एयरलाइन टिकट की व्यवस्था की थी। इस काम के लिए उसे एक अन्य एजेंट नदीम से 4,20,000 पाकिस्तानी रुपये मिले थे, जिनमें से करीब 40,000 रुपये एयरपोर्ट पर ‘सेटिंग’ के लिए खर्च किए गए।
एफआईए की एक और कार्रवाई
पीड़िता को एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग सर्कल के सुपुर्द कर दिया गया है, जबकि गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के आधार पर नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। इसी बीच, एक अन्य कार्रवाई में एफआईए ने समुद्री रास्ते यूरोपीय देश अल्बानिया भेजे जा रहे आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों के अनुसार, इन सभी ने यूरोप पहुंचाने के लिए प्रति व्यक्ति 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया था। इस मामले में भी कई एजेंटों को हिरासत में लेकर आगे की जांच की जा रही है।



